मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “प्रवासी राहत मित्र ऐप” का लोकार्पण किया

News Mashal Desk
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उत्तर प्रदेश। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ लोक भवन में बैठक की। केंद्र सरकार के आरोग्य सेतु लोकार्पण के बाद आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी “प्रवासी राहत मित्र ऐप” का लोकार्पण किया। इस ऐप का निर्माण UNDP (यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम) के सहयोग से विकसित किया गया है।

सूत्रों के अनुसार इसका उद्देश्य अन्य प्रदेशों से उ.प्र. में आने वाले नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ एवं उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने के साथ ही उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका मुहैया करने में सहयोग करने हेतु इन प्रवासी नागरिकों का डेटा कलेक्शन करना है।

एप्लीकेशन के कार्य

बता दें इस एप्प के जरिए सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान किया जाएगा। जिससे प्रवासी नागरिकों के रोजगार एवं आजीविका हेत नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मुहैया करायी जायेगी। साथ ही इसका विश्लेषण कर प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं विशेष कर जनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में सहयोग किया जाएगा।

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साथ ही प्रवासी राहत मित्र ऐप के द्वारा, आश्रय केंद्र में ठहरे हए लोगों एवं किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी व्यक्तियों का पूरा ब्योरा लिया जाएगा ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाले कोई भी प्रवासी छूट न पाए।

एप्लिकेशन की सुरक्षा

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अन्य राज्यों से प्रदेश में आ रहे प्रवासी नागरिकों को दी जाने वाली राशन किट के वितरण की स्थिति भी ऐप में दर्ज की जाएगी। इस ऐप में डाटा डुप्लीकेशन न हो, इसके लिए यूनीक मोबाईल नंबर को आधार बनाया जाएगा। डेटा संग्रह का कार्य शीघ्र सम्पादित हो इसके लिए विकेन्द्रीकृत स्तर पर यथा आश्रय स्थल, टांजिट पॉइंट, व्यक्ति का निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जाएगा। ऐप संग्रहित डेटा को राज्य स्तर पर स्थापित इंटीग्रेटेड इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम http://rahatup.in पर स्टोर किया जाएगा।

एप्लिकेशन की अन्य विशेषताएं

प्रवासी राहत मित्र ऐप की एक अन्य विशेषता यह भी है कि इसमें ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी काम कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्रभाव पूर्ण निर्णय लेने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लोगों के डाटा को भी एप्लिकेशन में अलग-अलग किया जा सकता है। जिलाधिकारी के नेतत्व में डेटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग/नगर निकाय की तथा ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ/पंचायती राज विभाग की होगी।

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